
Serious allegations against Chhatargarh Police in suicide case again
चार लाइन न्यूज़ डेस्क – बीकानेर पुलिस के रवैये लेकर एक बार फिर से आमजन की ओर से सवाल खड़े किये गए हैं. जिसमें जिले के छतरगढ़ थाना क्षेत्र में हुए एक आत्महत्या के मामले में छतरगढ़ थानाधिकारी व एक सिपाही पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. मामले को लेकर भारतीय प्रजापति आर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट अशोक प्रजापत और राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष किसन संवाल के नेतृत्व में कुम्हार समाज का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस अधीक्षक से मिला. प्रतिनिधि मंडल में बीपीएचओ राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रजापत किशन संवाल, महामंत्री अर्जुन कुमावत नथमल गेधर, शंकर लाल मंगलाव, चोखाराम कुमावत, ओम प्रकाश कुमावत आदि शामिल रहे.
मामले के बारे में प्रतिनिधिमंडल ने जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम को जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस प्रताडऩा द्वारा कुम्हार समाज के एक व्यक्ति की मौत को पुलिस द्वारा तथ्य छुपा कर मृतकों के परिवार को प्रताडि़त किया गया जिसमें दोषी पुलिस अधिकारीयों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग भी की है. बता दें कि पूर्व में भी छतरगढ़ में एक महिला द्वारा पुत्र की गुमशुदगी दर्ज करवाए जाने के के मामले में भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगे थे और एसपी ने खुद मौके पर जाकर पुलिसकर्मी के विरूद्ध कार्रवाई की थी. अब फिर से छतरगढ़ थाना पुलिस पर आरोप लगे हैं.
भारतीय प्रजापति आर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट अशोक प्रजापत ने पुलिस अधीक्षक से छतरगढ़ थानाधिकारी संदीप कुमार और हवलदार रामस्वरूप को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही किए जाने की मांग की है. साथ ही कहा है कि कार्यवाही नहीं होने पर समाज द्वारा आंदोलन किया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी. एडवोकेट अशोक प्रजापत ने बताया कि चक 11 एस.एल.डी रानेर तहसील छतरगढ़ निवासी शीशपाल पुत्र बुद्धाराम जाति कुम्हार उम्र 45 वर्ष ने पांच सितम्बर को एक सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली. मृतक के भाई पूर्णा राम ने हमें बताया मृतक ने सुसाइड नोट में पुलिस से प्रताडि़त होकर आत्महत्या करने का कारण लिखा. परिवार जनों को जब आत्महत्या और आत्महत्या कारणों का पता चला तो उन्होंने एसएचओ छतरगढ को सूचना दी और आत्महत्या के लिए हवलदार रामस्वरूप द्वारा परेशान होना बताया तो एसएचओ संदीप कुमार ने कहा कि यह बात किसी को मत बताना मैं अभी वहीं आ रहा हूं.
प्रजापत ने बताया कि इसके बाद बॉडी मोर्चरी में रखवा दी गई और थानेदार संदीप कुमार आए और कहा कि सुसाइड नोट कहां पर है मुझे बताओ. तब हमने हमारे मोबाइल में खींची हुई सुसाइड नोट की फोटो बताई तो उन्होंने उसे अपने मोबाइल में ले ली और हमें धमकाते हुए कहा कि अगर यह सुसाइड नोट किसी को दिखाया या किसी के आगे इस संबंध में बात की तो शिशुपाल तो मर गया पर तुम्हारी जिंदगी भी नर्क जैसी हो जाएगी. तुम सब जेल में जाओगै और मैं आपको 1,50,000 रुपए दे दूंगा. आप इस मामले को रफा-दफा कर दो.