
Resident doctors' strike ends
चार लाइन न्यूज़ डेस्क – प्रदेश में 16 दिनों से जारी रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल आज हाईकोर्ट के कमेटी बनाने के आदेश के बाद समाप्त कर दी गई. पिछले 16 दिनों से रेजीडेंट अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर थे. जिसमें जयपुर के एसएमएस अस्पताल में शराब की अवैध बिक्री और सुरक्षा से जुड़े सवाल भी उठाए. इस पर कोर्ट ने एसएमएस पुलिस थाने को इन मामलों में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए. कोर्ट ने कहा कि एसएमएस अस्पताल में अतिक्रमण को चिन्हित कर उसे हटाया जाए. कोर्ट ने कमेटी गठित कर मामले की जांच करवाने के आदेश दिए हैं. कमेटी 26 तारीख को पहली बैठक करेगी. कमेटी 21 नवंबर को कोर्ट में रिपोर्ट सौंपेंगी. इसी दिन मामले की अगली सुनवाई होगी.
बता दें कि अधिवक्ता पार्थ शर्मा ने याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मरीजों पर असर पड़ रहा है. पार्थ शर्मा की याचिका पर कोर्ट ने संज्ञान लिया और सभी पक्षों को बुलाया. कोर्ट ने रेजिडेंट डॉक्टरों से कहा कि हम इस मामले में तभी कोई निर्देश देंगे जब आप अपनी हड़ताल समाप्त करेंगे. इस पर एसोसिएशन ऑफ़ रेज़ि़डेंट डॉक्टर्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल समाप्त करने का फैसला किया.
रेजीडेंट डॉक्टर्स की ये थी 8 मांगे –
- पूर्व में हुए समझौते के अनुसार सभी मेडिकल कॉलेजों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की जाए.
- समय पर वेतन बढ़ाया जाए. रेज़िडेंट डॉक्टरों का दावा है कि वर्तमान में राजस्थान में दिया जा रहा वेतन, आस-पड़ोस के समस्त राज्यों से कम है.
- बॉण्ड पॉलिसी में बदलाव किया जाए.
- उन सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को मकान किराया भत्ता (HRA) दिया जाए जो हॉस्टल में नहीं रहते हों.
- विशेष मेडिकल ऑफिसर पदों की भर्ती निकली जाए. जिन डिपार्टमेंट में पीजी की पढ़ाई होती है, उन सभी डिपार्टमेंट में जेएस/एसएस पदों का सृजन हो.
- अकादमिक और गैर-अकादमिक सीनियर रेज़िडेंट डॉक्टरों (SR) की तनख्वाह में विसंगति दूर हो. हड़ताली डॉक्टरों का दावा है कि वर्तमान में अकादमिक SR की तनख्वाह गैर-अकादमिक SR से कम है.
- राजस्थान सरकार के इन-सर्विस डॉक्टरों के लिए सुपर-स्पेशलाइजेशन के बाद, उनकी वेतन वृद्धि और पदोन्नति उसी तरह से हो, जैसे पीजी पासआउट डॉक्टरों की होती है.
- रेज़ि़डेंट डॉक्टर्स ने इससे पहले कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में 11 दिन की हड़ताल की थी. रेज़ि़डेंट डॉक्टर्स के संगठन का कहना है कि उन्होंने राजस्थान सरकार से भरोसा मिलने के बाद हड़ताल ख़त्म कर दी थी. मगर उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है.