
Why did the young man undergo gender change and become a girl?
चार लाइन न्यूज़ डेस्क – बीकानेर से दो साल पहले खुद में छिपी एकतारा को बाहर लाने के लिए एक युवक एकलव्य (बदला हुआ नाम) घर से निकला और लंबे ट्रीटमेंट के बाद आखिरकार लड़की बन गया. एकलव्य से एकतारा के इस सफर में उसका घरवालों ने भी पूरा साथ दिया. एकतारा के अनुसार एक दर्दनाक सर्जरी और लंबी प्रोसेस के बाद उसने खुद को पाया है. अब वह खुश है और सामान्य जीवन जी रही है. दो साल बाद घर लौटने पर स्वागत समारोह का आयोजन कर एकतारा का अभिनंदन किया गया. एकलव्य से एकतारा बनने की पूरी कहानी खुद ने बताई.
एकतारा ने बताया कि जब वह छोटी थी तो उसे सामान्य लड़कों के जैसा महसूस नहीं होता था. उसकी आत्मा और शरीर अलग-अलग महसूस करवाते थे. लड़कों के साथ असहज महसूस करती थी. धीरे-धीरे जब खुद को समझने की कोशिश की तो पाया कि वह शरीर से तो लड़का है लेकिन आत्मा से नहीं. उसने सोच विचार करने के बाद उसने जेंडर बदलवाने की सोची. लेकिन यह सब आसान नहीं था. परिवारजनों को समझाने ही सबसे बड़ी बात थी. लेकिन हिम्मत करके अपनी मां को अपने मन की बात बताई.
एकतारा कहती है कि पहले तो मां सही से नहीं समझ पाई लेकिन गहराई से समझाने के बाद मेरी परेशानी उनको समझ में आ गई. इसके बाद अपने पिता को बताना था जिसको लेकर बहुत ज्यादा डर महसूस हो रहा था लेकिन मां के साथ मिलकर जब अपने पिता को पूरी बात बताई तो वे भी शुरू में तो नहीं समझ पाए लेकिन बाद में अच्छी तरह से समझकर इस जेंडर बदलवाने की प्रोसेस के लिए हामी भर दी. पिता से मिले हौसले के बाद हिम्मत मिली और इस प्रोसेस की जानकारी जुटाई और थाइलेैंड में डॉक्टर्स से कंसल्ट करके इलाज शुरू किया. 2 साल की लंबी प्रोसेस के बाद एकलव्य आखिरकार एकतारा बन गया. अब उसकी यही पहचान है.
एकतारा के पिता कहते हैं कि मुझे जब बताया गया तो इस जेंडर बदलवाने के इस प्रोसेस के बारे में जानकारी नहीं थी. मुझे समझने में भी देर लगी लेकिन एकतारा की खुशी के लिए वे तैयार हो गए. उन्होंने कहा कि बच्चों की खुशी से ज्यादा और कुछ नहीं होता. यह परेशानी जन्मजात होती है. अगर किसी को हो तो उसे इसे स्वीकार करते हुए लिंग परिवर्तन करवा लेना चाहिए.