
Jetharam Bishnoi got martyr status after 31 years
चार लाइन न्यूज़ डेस्क – (तीर्थराज बरसलपुर) सीमा सुरक्षा बल में तैनात रहे बीकानेर जिले के बज्जू उपखंड में मिठड़िया गांव के जवान जेठाराम बिश्नोई को आखिरकार 31 साल बाद शहीद का दर्जा मिल गया है. जेठाराम 1993 में पश्चिम बंगाल में इच्छामती नदी में नाव में पेट्रोलिंग करते समय हादसे का शिकार हो गए थे. सीमा सुरक्षा बल की ओर से उनके परिवार को 31 साल बाद शहादत प्रमाण पत्र सौंपा गया है. 31 साल के लंबे समय के इंतजार के बाद जब परिवार को जेठाराम की शहादत का प्रमाण पत्र मिला तो आंखे नम हो गई. परिजनों और मिठड़िया ग्राम वासियों ने खुद को गौरवांवित महसूस किया.
बीकानेर बीएसएफ यूनिट के एनआर भार्गव के नेतृत्व में शहीद जेठाराम बिश्नोई की पत्नी भंवरी देवी और उनके बेटे हंसराज बेनीवाल को शहीद सम्मान पत्र दिया. जेठाराम के परिवार को सेना में भर्ती अपने बेटे की मौत के 31 साल बाद तक शहीद के दर्जे के लिए जंग लड़नी पड़ी. 31 साल पहले 1993 में बीएसएफ की 109वीं वाहिनी के जवान जेठाराम बिश्नोई पश्चिम बंगाल के पानितार में तैनात थे. आधी रात जेठाराम और कुछ अन्य जवान इच्छामती नदी पर नाव में पेट्रोलिंग करने निकले तो इस दौरान नाव पलट गई.
जेठाराम बिश्नोई इस हादसे का शिकार हो गए और उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद से उनका परिवार उन्हें शहीद का दर्जा दिलवाने के लिए कोर्ट में केस लड़ रहे थे. अब जब जेठाराम बिश्नोई की शहादत का प्रमाण पत्र मिला तो परिवार को सम्मान के साथ कई शहादत के लाभ मिल सकेंगे. शहीद जेठाराम बिश्नोई के पैतृक गांव मिठड़िया सहित बज्जू उपखंड के लोगों ने परिवार से मुलाकात कर दुख के बीच खुशी का क्षण साझा किया.