
NSUI opposes imposition of saffron color in universities and colleges
चार लाइन न्यूज़ डेस्क – बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में NSUI नेता श्रीकृष्ण गोदारा के नेतृत्व में कुलपति के नाम रजिस्टार को ज्ञापन दिया गया. इस दौरान दीपक चौधरी, विकास सुथार, हर्षित भाकर, इमरान, लोकेश आदि छात्र उपस्थित रहे. श्रीकृष्ण गोदारा ने बताया कि राजस्थान की भाजपा सरकार ने एक फरमान जारी किया है जिस में कहा गया है कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के मुख्य द्वारों और गैलरी को भगवा रंग में रंगा जाये ये आदेश शिक्षा विभाग ने जारी किए है उसमें बीकानेर का राजकीय डूँगर महाविद्यालय भी शामिल है और राजस्थान सरकार शिक्षा के पवित्र स्थानों को एक विशेष विचारधारा में ढालने एवं शिक्षा का राजनीतिकरण करने का प्रयास कर रही है यें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
हमारा उद्देश्य किसी विशेष रंग के प्रति विरोध जताना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि इस प्रकार के निर्णयों से छात्रों के बीच धार्मिक, जातीय, और सांस्कृतिक विभाजन न हो. विश्वविद्यालय एक ऐसा स्थान होना चाहिए जहाँ सभी छात्र, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या क्षेत्र से हों, समानता और सौहार्द्र के वातावरण में शिक्षा प्राप्त कर सकें. सरकारी शिक्षण संस्थान आम नागरिकों किसान, मज़दूर, मध्यर्म वर्ग के टैक्स से चलते हैं. ये किसी एक पार्टी या विचारधारा के लोगों की संपत्ति नहीं हैं. इसलिए सरकारी टैक्स से चलने वाले संस्थानों पर केवल राष्ट्र के सरकारी प्रतीक जैसे तिरंगों का ही प्रयोग उचित है.
श्रीकृष्ण गोदारा ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आज़ादी के आंदोलन में योगदान नहीं दिया था और उनके सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर ने तिरंगे को अशुभ ठहराया था. क्या इसी सोच की वजह से सरकार तीन रंगों के प्रयोग से बच रही है. हम इस प्रकार के एकपक्षीय और पक्षपाती निर्णयों का कड़ा विरोध करते हैं और सरकार से आग्रह करते हैं कि वह इस तरह के फरमान जारी करने के बजाय शिक्षा की गुणवत्ता और स्तर में सुधार पर ध्यान केंद्रित करे तथा आप को सोंदर्यीकरण ही करना है तो आप देश का तिरंगा प्रयोग करो पूरा देश आप के साथ होगा. इसलिए यदि इस एकपक्षीय फ़ैसले को सरकार वापस नहीं लेती है तो राजस्थान के सभी राष्ट्रवादी छात्र इस फ़ैसले का विरोध करने पर मजबूर हो जाएंगे.