
बीकानेर के पीबीएम अस्पताल से आई चौंकाने वाली खबर ने स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत उजागर कर दी है. जीवन रक्षक दवाएं, सिरिंज, ग्लव्स और CT स्कैन के इंजेक्शन तक उपलब्ध नहीं हैं. मरीजों को बाजार से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं, जबकि सरकार निरोगी राजस्थान का सपना दिखा रही है. अस्पताल में हर दिन 6 हजार से ज्यादा मरीज आते हैं, लेकिन जरूरी मेडिकल सप्लाई नहीं मिल रही। RMSCL से सप्लाई बंद है और अस्पताल पुराने ग्लव्स को स्टरलाइज कर दोबारा इस्तेमाल करने पर मजबूर है. बजट की भारी कमी और ठेकेदारों की बकाया राशि के कारण हालात बिगड़ चुके हैं. Factor 8 जैसे जरूरी इंजेक्शन भी नहीं हैं, जिससे मुफ्त इलाज सिर्फ नाम का रह गया है. DDC काउंटरों पर भारी भीड़ और ENT विभाग में घंटों इंतजार जैसी समस्याएं आम हो गई हैं. अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो मरीज अस्पताल नहीं, बाजार में इलाज ढूंढते नजर आएंगे. सवाल सिर्फ एक अस्पताल का नहीं, बल्कि पूरे सरकारी स्वास्थ्य तंत्र की साख का है.
