
7 साल का मासूम अरबाज, जो अपनी बहनों को लेने स्कूल गया था, खुद स्कूल की लापरवाही की भेंट चढ़ गया. जैसलमेर के पूनमनगर गांव में स्कूल का जर्जर गेट गिरा और उसकी जान ले ली. यह हादसा नहीं, सिस्टम की हत्या है. कोरोना में पिता को खोने वाला अरबाज, अब खुद भी मां और बहनों को छोड़ गया. स्कूल प्रशासन पहले से गेट की हालत से वाकिफ था, फिर भी कार्रवाई नहीं हुई. हादसे के बाद गांव में आक्रोश फूट पड़ा, लोगों ने धरना दिया और इंसाफ़ की मांग की. क्या जांच कमेटी बनाना ही काफी है? क्या बच्चों की जान की कीमत सिर्फ ट्वीटों और आश्वासनों तक सीमित रह गई है? राजस्थान में सरकारी स्कूल अब कब्रगाह क्यों बनते जा रहे हैं? अब वक्त है कि पूरा सिस्टम जागे – क्योंकि अगला अरबाज कोई और न हो
