
राजस्थान में हाल के समय में नाबालिग लड़कियों और विवाहित महिलाओं के घर से भागकर शादी करने के मामलों में तेज़ी आई है, जिससे परिवारों और समाज में चिंता का माहौल है. इन घटनाओं ने कई बार माता-पिता को मानसिक तनाव और सामाजिक बदनामी का शिकार बनाया है, जिसके चलते कुछ दुखद मामलों में आत्महत्या जैसे कदम भी सामने आए हैं. राज्य विधानसभा में सोमवार को भाजपा विधायक भैराराम सियोल ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि बिना अभिभावकों की सहमति से होने वाली शादियां पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों को ठेस पहुंचाती हैं. उन्होंने विशेष रूप से आर्य समाज मंदिरों में होने वाली त्वरित शादियों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया परंपरागत हिंदू रीति-रिवाजों के खिलाफ है. सियोल ने कानून में संशोधन की मांग की ताकि माता-पिता की अनुमति के बिना की गई शादियों को मान्यता न मिले। उनका तर्क है कि इससे पारिवारिक मर्यादा और सामाजिक सौहार्द की रक्षा की जा सकेगी.