दिल्ली की इस मुस्कुराहट के पीछे कुछ तो चल रहा है – पीएम मोदी और सीएम भजनलाल शर्मा की मुलाकात को भले शिष्टाचार बताया गया हो, लेकिन राजस्थान की सियासत में हलचल तेज है. गुजरात में हुए मंत्रिमंडल रीबूट के बाद अब निगाहें जयपुर पर टिक गई हैं. सूत्र कहते हैं – मंत्रिमंडल फेरबदल, राजनीतिक नियुक्तियाँ और परफॉर्मेंस रिपोर्ट सब दिल्ली की टेबल पर है. दिलचस्प ये कि वसुंधरा राजे फैक्टर फिर सक्रिय हो गया है – जुलाई में मोदी से उनकी मुलाकात और फिर बांसवाड़ा रैली में साझा मंच ने संकेत पहले ही दे दिए थे. अब जब तीसरी मोदी-भजनलाल मुलाकात हुई, तो चर्चाएँ और गहराई तक गईं. राजे गुट को हिस्सेदारी देने की बातें जोर पकड़ रही हैं. राजनीतिक नियुक्तियों की लिस्ट लगभग तैयार है, बस दिल्ली की मुहर बाकी है. आधिकारिक एजेंडा भले प्रवासी दिवस का न्योता हो, पर असली चर्चा “राजस्थान पॉलिटिकल रीबूट” की मानी जा रही है. क्या अब राजस्थान में भी गुजरात मॉडल की पटकथा लिखी जा रही है ? क्योंकि जब दिल्ली मुस्कुराती है – तो जयपुर में सियासी तापमान बढ़ जाता है.
