बीकानेर के जसरासर में 5 साल के मासूम भरत सिंह की दर्दनाक मौत ने पूरे गांव को झकझोर दिया है. खेत पर गए माता-पिता के लौटने तक झोपड़ी राख में बदल चुकी थी. भरत ने आग से बचने के लिए खुद को पानी की टंकी में छिपाया, लेकिन वहीं उसकी सांसें थम गईं. आग कैसे लगी, इसका जवाब अभी तक किसी के पास नहीं है. झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. आग लगने पर न भागने की जगह और न मदद पहुंचने का कोई इंतज़ाम. ग्रामीण इलाकों में ऐसे हादसे बार-बार सामने आते हैं. लेकिन व्यवस्था हर बार सिर्फ जांच की बात कहकर आगे बढ़ जाती है. मां-बाप के लिए अब सिर्फ यादें और एक खाली आंगन बचा है. ये सिर्फ एक हादसा नहीं, एक सवाल है – क्या हमारी ज़िंदगी सच में इतनी सस्ती है ?
