
राजस्थान सरकार के विभिन्न पॉक्सों एवं महिला उत्पीड़न, पारिवारीक न्यायालयों में वर्तमान में अपर लोक अभियोजक के पदों पर नियुक्ति के संबंध में अधिवक्ता नीतू जैन ने मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार एवं प्रमुख सचिव विधि एवं विधिक कार्य विभाग, जयपुर एवं अध्यक्ष बार काउंसिल राजस्थान को को पत्र लिख कर मांग की है कि पॉक्सो, महिला उत्पीड़न, पारिवारिक न्यायालय में दर्ज वाद में नाबालिग बच्चीयों एवं महिलाओं के साथ हुए योन उत्पीडन एवं घरेलु हिंसा के प्रकरण प्राप्त होते है.
पॉक्सो एवं महिलाओं के साथ हो रही घरेलु हिंसा के प्रकरण में महिलाएं अपनी बात ज्यादा सहजता से एवं बिना किसी परेशानी के महिलाओं को बताने में सहज होती हैं परंतु यह देखने में आया हैं कि लगातार इस न्यायालयों में अपर लोक अभियोजक के पद पर पुरुषों की नियुक्ति होती हैं जो कि महिलाओं एवं नाबालिग बच्चियों के साथ हुई आपराधिक एवं योन उत्पीडन की घटनाओ को उतनी सहजता से नही बता पाती है. पॉक्सों एवं महिला उत्पीडन के न्यायालयों में प्राथमिकता से महिला अपर लोक अभियोजक की नियुक्ति की जावे ताकि नाबालिक बच्चीयां एवं महिलाए अपनी बात बिना किसी परेषानी के एवं सहजता से रख कर न्याय प्राप्त कर सकें. इस संबंध में श्रीमती जैन ने बताया कि यदि राज्य सरकार जल्द इस संबंध में उचित आदेश जारी नही करती है तो आगे इस हेतु सक्षम न्यायालय में जनहित याचिका दर्ज करने हेतु विवश होना पड़ेगा.