
चार लाइन न्यूज़ डेस्क (तीर्थराज बरसलपुर) – पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में पंचायतीराज एवं नगर निकायों के पुनर्गठन को लेकर भाजपा सरकार को निशाने पर लिया है. गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार मनमाने तरीके से पंचायतीराज एवं नगरीय निकायों के पुनर्गठन कर रही है. उन्होंने कहा कि मैं ऐसा पहली बार देख रहा हूं कि सारे नियम-कानून तोड़े जा रहे हैं. जिला कलेक्टरों ने जनता की आपत्तियां दर्ज कर आगे कार्रवाई करने की बजाय हाथ खड़े कर दिए हैं और कलेक्टर कह रहे हैं कि हम कुछ नहीं कर पाएंगे, सारा काम राज्य सरकार के स्तर से हो रहा है. कहीं शहर से 10-10 किलोमीटर दूर के गांवों को नगरीय निकायों में मिलाया जा रहा है तो कहीं गांवों को इस तरह पंचायतों से जोड़ा जा रहा है कि पंचायत मुख्यालय ही 5 से 10 किलोमीटर दूर हो गया है.

गहलोत ने आगे कहा कि भाजपा और आरएसएस मिलकर येन-केन-प्रकरेण पंचायतीराज और नगरीय निकाय के चुनाव जीतना चाहती है. इसके लिए पहले भरतपुर जिला प्रमुख समेत कई जगह इनके उपचुनाव तक नहीं करवाए. फिर वन स्टेट-वन इलेक्शन के नाम पर कार्यकाल पूरा होने के बाद भी चुनाव नहीं करवाए एवं अब ये वोटबैंक को साधकर जीतने के लिए नियमों एवं जनता की सहूलियत को भी अनदेखा कर रहे हैं. न तो न्यूनतम एवं अधिकतम जनसंख्या के पैमाने को माना जा रहा है और न ही मुख्यालय से उचित दूरी का ध्यान रखा जा रहा है. मैं राज्य सरकार से कहना चाहता हूं कि इस तरह की गतिविधियां उचित नहीं है. जनता में इसको लेकर आक्रोश पनप रहा है. जिला कलेक्टरों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राजनीतिक दबाव में न आकर नियमानुसार सुसंगत तरीके से पूरी पुनर्गठन प्रक्रिया हो.