
Body of soldier Ramswaroop Kaswan returned, highway jammed after protest
चार लाइन न्यूज़ डेस्क – जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर क्षेत्र के अनंतनाग में ड्यूटी के दौरान गोली लगने से हुई बीकानेर के पांचू निवासी सैनिक रामस्वरूप कस्वां की मौत के मामले में गतिरोध बढ़ता जा रहा है. आज सुबह जब सैनिक का शव लेकर सैन्य वाहन पहुंचा तो परिजनों ने शव लेने से इनकार करते हुए धरना दे दिया और रामस्वरूप को शहीद का दर्जा देने की मांग रखी.

सैनिक रामस्वरूप कस्वां के पैतृक गांव पांचू में धरने के साथ-साथ बीकानेर में भी शहीद चंदर चौधरी सर्किल पर लोग जुटने लगे और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. धरने में नोखा विधायक सुशीला डूडी, पूर्व डूंगरगढ़ विधायक गिरधारीलाल महिया, जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल, प्रदेश कांग्रेस सचिव शिवलाल गोदारा, भूमि विकास बैंक चेयरमेन रामनिवास गोदारा, युवा कांग्रेस नेता अतुल डूडी सहित कई जनप्रतिनिधि व नेता पहुंचे और समर्थन दिया.
धरने में लगातार लोगों की संख्या बढ़ती गई और धीरे-धीरे सैंकड़ों लोग जमा हो गए. इसके बाद सुबह से लगातार धरने के बाद भी प्रशासन का कोई रिएक्शन ना देखकर आक्रोशित लोगों ने म्यूजियम सर्किल पर हाईवे जाम कर दिया. जिससे बीकानेर-जयपुर नेशनल हाईवे पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया. यातायात पुलिस ने जिला परिषद के पास से वाहनों को डायवर्ट करना शुरू कर दिया. अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर, एसडीएम, अतिरिक्त पुलिस अधिकारी ग्रामीणों से वार्ता करने मौके पर पहुंचे. शहीद का दर्जा देने की मांग पर कोई आश्वासन नहीं दे सका.
जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और खुद जिला कलेक्टर सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने वार्ता का प्रयास किया लेकिन 2 बार की वार्ता विफल रही. प्रशासन का कहना है कि इस संबध में निर्णय केन्द्र सरकार के रक्षा मंत्रालय की ओर से लिया जाना है. लेकिन इसके बावजूद गतिरोध बरकरार रहा. वार्ता में नोखा विधायक सुशीला डूडी, पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल, एडीएम सिटी रमेश देव, एएसपी प्यारेलाल सहित कई जनप्रतिनिधि शामिल रहे.
बता दें कि कल जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के अनंतनाग में बीकानेर के केड़ली और हाल पांचू के निवासी सैनिक रामस्वरूप कस्वां की गोली लगने से मौत हो गई थी. जिसके बाद परिजनों को सूचना दी गई. परिजनों ने मौत को संदिग्ध बताते हुए सैनिक कल्याण बोर्ड पर कई आरोप लगाए हैं. आज परिजनों ने सैनिक रामस्वरूप का शव वापस लौटा दिया और रामस्वरूप को शहीद का दर्जा देने के साथ मामले की जांच व तथ्य छिपाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया.
सुबह से ही पांचू गांव में भी लोगों का जमावड़ा हो गया. लोग धरने में पहुंचने लगे दोपहर बाद तक बीकानेर में शहीद चंदर चौधरी सर्किल पर धरना और उसके बाद हाईवे जाम कर दिया गया. आज रामस्वरूप कस्वां के पैतृक गांव पांचू में उनका अंतिम संस्कार किया जाना था. आज सुबह पार्थिव देह कैप्टन साहब के सर्किल से अंतिम यात्रा के रूप में निकलनी थी लेकिन सैनिक कल्याण बोर्ड के एक आदेश से अंतिम यात्रा के लिए पार्थिव देह कैप्टन चन्द्र चौधरी सर्किल पहुंची थी लेकिन यहां ये वापस मिल्ट्री हॉस्पीटल भिजवाया गया. सेना ने बुधवार (25 सितंबर) को शव जम्मू-कश्मीर से बीकानेर भेजा.
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल यश राठौड़ (सेवानिवृत) ने जिला कलक्टर को भेजे पत्र में बताया कि सैनिक रामस्वरूप निवासी पांचू की मृत्यु फिजिकल कैजुअल्टी का केस है. बैटल कैजुअल्टी (शहीद) का केस नहीं है. इस संबंध में सेना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी जारी है. वहीं रामस्वरूप के परिजनों ने बताया कि रामस्वरूप की मौत के समय वह ड्यूटी पर जम्मू-कश्मीर में था. परिवार की सरकार से मांग है कि रामस्वरूप को शहीद का दर्जा और केन्द्र सरकार की ओर से शहीद के अनुरूप सभी लाभ दिए जाएं. शहीद के नाम पर सड़क का नामाकरण करने, पांचू पंचायत समिति में शहीद स्मारक बनाने समेत कई मांग रखी हैं.
बता दें कि नोखा उपखंड के केड़ली गांव के मूलनिवासी व हाल पांचू निवासी 25 वर्षीय रामस्वरूप कस्वां करीब चार साल पहले भारतीय सेना के 65 आर्म्ड रेजिमेंट में सैनिक के रूप में भर्ती हुए थे. सवा साल पहले हुई शादी रामस्वरूप की शादी 15 मई 2023 को हुई थी. पिता मोटाराम कस्वां खेती करते हैं. उनके पांच पुत्रों में रामस्वरूप चौथे नम्बर पर थे. रामस्वरूप का बड़ा भाई श्रीराम कस्वां भी भारतीय सेना में है. गत जुलाई में ही रामस्वरूप छुट्टी बिताकर घर से जम्मू कश्मीर में ड्यूटी करने गए थे.