
बीकानेर सहित पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में किसान फसलों में होते नुकसान को देख खासी चिंता में है. इन दिनों यहां कातरा कीट यानी केटरपिलर फसलों में भारी नुकसान कर रहा है. खेतों में खड़ी मूंग, मोठ, ग्वार व बाजरे की फसलों पर कातरे का भारी प्रकोप देखने को मिल रहा है. बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में भी कातरा कहर बरपा रहा है. यहां बिंझासर, गुसाईसर बड़ा, मानकरासर, समंदसर समेत कई गांव गांव इस कीट से प्रभावित है. किसान मेहनत से बिजाई की गई फलल को लेकर चिंता में हैं. कई जगह तो आलम ये है कि पूरा का पूरा खेत ही कातरा साफ कर रहा है.
खेतों में कातरा (कैटरपिलर) एक ऐसा कीट है, जो फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाता है. यह कीट मूंग, बाजरा, ग्वार, तिल, मोठ जैसी फसलों को 60 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान कर सकता है. मादा कातरा एक बार में 600-700 अंडे देती है, जिनसे 2-3 दिन में लटें (कीड़े के बच्चे) निकल आती हैं. ये लटें 40-50 दिनों तक फसलों की पत्तियों को कुतरकर नष्ट कर देती हैं. इससे पौधे सूखने लगते हैं. किसानों ने जिला प्रशासन व कृषि विभाग को भी इस समस्या से अवगत करवाया है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इससे बचने के लिए खेतों के कीटनाशकों का छिड़काव जरूरी है. कृषि विभाग की ओर से कुछ क्षेत्रों में कीट नाशक वितरित किए गए, लेकिन इसके बावजूद किसी प्रकार की राहत नहीं मिल पा रही है.

