
बीकानेर जिले के देशनोक में बीते दिनों ओवरब्रिज हादसे में जान गंवाने वाले सैन समाज के एक ही परिवार 6 लोगों का परिवारजन अभी भी सरकार मदद से दूर है. केश कला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष राज्यमंत्री महेन्द्र गहलोत ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम ज्ञापन सौंपकर मामले में सकारात्मक कार्यवाही की मांग है. साथ ही गहलोत ने चेतावनी भी दी है कि घटना को करीब 20 दिन से ज्यादा का समय बीत गया है लेकिन प्रशासन बेरूखी क्यों दिखा रहा है. उन्होंने 15 अप्रैल तक का अल्टीमेटम देते हुए अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की बात कही है.
पूर्व राज्यमंत्री महेन्द्र गहलोत ने कहा कि पीड़ित परिवारों को राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता एवं मृतक आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए. गहलोत ने हादसे में ओवरब्रिज के सही मापदंड में नहीं बने होने का कारण बताया. साथ ही हवाला भी दिया है कि जिला कलक्टर बीकानेर द्वारा गठित कमेटी की जांच में तकनीकी आधार पर यह पाया गया कि उक्त हादसा पुल के निर्माण में रही तकनीकि खामियों के कारण घटित होना पाया गया है. गहलोत ने कहा कि घटना के दिन प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया गया था जिसमें सरकार की तरफ से कोई किसी प्रकार की सहायता राशि पीड़ित परिवारों को नहीं मिली है ना ही कोई सक्षम अधिकारी द्वारा पीड़ित परिवारों से मिल कर सांत्वना ही दी गई है. सरकार की इस असंवेदनहीनता पर सैन समाज में भयंकर आक्रोश एवं रोष है.

पूर्व राज्य मंत्री महेन्द्र गहलोत ने पीड़ित परिवारों को मुख्यमन्त्री सहायता कोष से चिरंजीवी योजना या भामाशाह योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि के अलावा राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष से 50-50 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दिलाने, प्रत्येक मृतक के आश्रितों में से एक-एक सदस्य को सरकारी सेवा या संविदा पर नौकरी देने, पीड़ित परिवारों को आवासीय सुविधा एवं बच्चों की शिक्षा हेतु विशेष अनुदान देने की मांग की है. साथ ही ओवरब्रिज में एस कर्व और टू लेन दोनों ही तकनीकी रूप से गलत पाये गये हैं. ऐसे में भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये देशनोक ओवरब्रिज पर पर्याप्त सुरक्षा उपाय, रि-डिजायन करना, संकेतक व प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इसके अलावा गहलोत ने ओवर ब्रिज का निर्माण करने वाली कम्पनी व अन्य दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध राज्य सरकार की तरफ से मुकदमा दर्ज करवाने व कम्पनी से भी मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता दिलवाने की मांग रखी है.