
बीकानेर जिले के देशनोक में बीते दिनों ओवरब्रिज हादसे के पीड़ितों को आर्थिक सहायता व न्याय दिलाने के लिए पूर्व राज्य मंत्री महेन्द्र गहलोत ने अनिश्चित कालीन धरना व महापड़ाव का एलान कर दिया है. इस संबध में आज हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है. पूर्व केशकला बोर्ड अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत ने बताया कि बीते 19 मार्च को देशनोक ओवरब्रिज पर हुए भीषण सड़क हादसे में सैन समाज के एक ही परिवार को 6 लोगों की जान चली गई. जिसमें जांच के लिए गठित कमेटी ने ओवरब्रिज के डिजाइन को हादसे का कारण माना है. हादसे के बाद स्थानीय लोगों की ओर से मृतकों को न्याय व आश्रितों को आर्थिक सहायता की मांग की गई लेकिन अब तीन सप्ताह से भी ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद प्रशासन व सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है.

पूर्व राज्य मंत्री गहलोत ने बताया कि इस हादसे मृतकों एवं पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में राजस्थान सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं लोकसभा प्रत्याशी गोविन्द राम मेघवाल, प्रदेश कांग्रेस सचिव रामनिवास कूकणा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे. बैठक में अवगत कराया गया कि पूर्व में कई बार बीकानेर जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता, न्याय प्रदान करने हेतु निवेदन किया जा चुका है परन्तु आज दिनांक तक राज्य सरकार स्तर से पीड़ितो को सहायता प्रदान करने व न्याय दिलाने के संबंध में कोई कार्यवाही नही की गई है. जिससे बीकानेर की जनता में भंयकर आक्रोश है.
बैठक में निर्णय लिया गया कि मंगलवार दिनांक 15 अप्रैल को सुबह 10.15 बजे से कलेक्ट्रेट के सामने कर्मचारी मैदान में अनिश्चितकालीन धरना व महापड़ाव रखा गया है. पूर्व मंत्री गोविन्द राम मेघवाल, पूर्व राज्य मंत्री महेन्द्र गहलोत एवं प्रदेश कांग्रेस सचिव रामनिवास कूकणा के नेतृत्व में अनिश्चितकालिन धरना व महापड़ाव में लोगों को जुटने का आह्वान किया गया है. जिसमें पीड़ित परिवारों व जनमानस के साथ मिलकर निम्नलिखित दुर्घटना में प्रत्येक मृतक परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता देने व दुर्घटना में प्रत्येक मृतक परिवार के एक सदस्य को संविदा नौकरी प्रदान कर परिवार के भरण पोषण की व्यवस्था करने की मांगो को सरकार के समक्ष रखा जाएगा.