बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की शैक्षणिक समझ और स्थानीय विरासत के प्रत्यक्ष अध्ययन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अंग्रेज़ी विभाग के विद्यार्थियों के लिए एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन दिनांक 12.दिसंबर को किया गया. कुलगुरु महोदय ने विभाग की इस पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों को कक्षा के ज्ञान को वास्तविक संदर्भों से जोड़ने का अवसर प्रदान करते हैं.
भ्रमण के दौरान विभागाध्यक्ष डॉ सीमा शर्मा ने विद्यार्थियों को बताया कि देवीकुंड सागर बीकानेर राजवंश की महत्त्वपूर्ण स्मारक छत्रियों का समूह है, जो अपनी संगमरमर नक्काशी, जालीदार कला और विशिष्ट राजस्थानी स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध है. यहाँ के स्मारक बीकानेर की शिल्प एवं राजवंशीय विरासत का उत्कृष्ट प्रतीक माने जाते हैं. लिटरेरी फोरम की प्रभारी डॉ.प्रगति सोबती
विद्यार्थियों ने संरचनाओं की शैली, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और सांस्कृतिक महत्त्व के बारे में जानकारी प्रदान की.

देवीकुंड सागर का भ्रमण करने के पश्चात दल वैष्णो धाम मंदिर पहुँचा, जहाँ विद्यार्थियों ने माता वैष्णो देवी के दर्शन किए और परिसर की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं को जाना. सह आचार्य डॉ संतोष शेखावत ने विद्यार्थियों को धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत के महत्व से अवगत कराया. डॉ.नीतू बिस्सा ने इस प्रकार के आयोजन से विद्यार्थियों को सांस्कृतिक विरासत एवं क्षेत्र की विशेषताओं के सीखने में मददगार बताया.
भ्रमण में विभाग के विद्यार्थी-अजय, मोहित, हिमांशु, श्रुति, सुमन, प्रतिष्ठा, गौरिजा, सिद्धार्थ, मेवरधन, गायत्री, वैषाली, युवराज, दिलीप, कोमल, मीनाक्षी, राजश्री, प्रीति, मनिषा, पार्थ, लोकेश, ओमप्रकाश, नरेश, चैत्यन्य, अरविंद और सुनील-ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और गतिविधियों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया. विभाग के शिक्षकों ने कहा कि ऐसे शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों को पाठ्यज्ञान से आगे बढ़कर वास्तविक अनुभव प्रदान करते हैं और स्थानीय इतिहास व संस्कृति के प्रति उनकी समझ को गहरा करते हैं. कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ और विद्यार्थियों ने रिपोर्ट लेकिन के कार्य को भी किया एवं अनुभव को अत्यंत ज्ञानवर्धक बताया.
