सोमवार रात जयपुर के पंत कृषि भवन में चूरू के किसानों और जनप्रतिनिधियों की वही ऐतिहासिक बैठक हुई, जिसकी गूंज चार साल से उठ रही थी; 500 करोड़ का बीमा दावा मंज़ूर होकर भी अधर में लटका रहा, धरने हुए, आवाज़ें उठीं और आखिरकार शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली रोके जाने के बाद सरकार ने खुद बातचीत के लिए बुलाया; मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने पूरा मामला सुना और आश्वासन दिया कि बीमा क्लेम की फाइल केंद्र को जा रही है, MSP-पोर्टल की दिक्कत, 10,000 टोकन का जाम, DAP-यूरिया सप्लाई और नोहर फीडर प्रोजेक्ट-सब मुद्दों पर सकारात्मक जवाब मिला; राहुल कस्वां और टीम ने साफ कहा कि यह लड़ाई राजनीति की नहीं, किसानों के गाढ़े हक़ की है; बैठक शांत, पारदर्शी और उम्मीद से भरी रही-अब नज़र इस पर कि फैसले कागज़ से निकलकर खेत तक कब पहुंचते हैं.
