
बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में प्रसिद्ध शिल्पकार एवं अयोध्या में भगवान श्री राम लला की मूर्ति निर्मित करने वाले अरुण योगीराज को विश्वविद्यालय द्वारा विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि प्रदान की गई. विश्वविद्यालय कुलाधिपति और राज्यपाल, राजस्थान हरीभाऊ बागडे ने अरुण योगीराज को मानद उपाधि प्रदान की. समारोह के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने विश्वविद्यालय द्वारा किए गए इस नवाचार के संदर्भ में माननीय कुलाधिपति महोदय को अवगत कराया.

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना के पश्चात प्रथम बार विश्वविद्यालय द्वारा मानद उपाधि प्रदान की गई है. उन्होंने अरुण योगीराज के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला और बताया कि योगिराज समाज के लब्धप्रतिष्ठ व्यक्ति है, जिन्होंने अपनी विद्या से विशिष्ट योगदान दिया है. उनके योगदान से समाज को प्रेरणा मिल सके इसी भावना को लेकर विश्वविद्यालय द्वारा यह कार्यवाही आरंभ की गई है. योगीराज द्वारा कला व संस्कृति के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान को ध्यान में रखते हुए उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए यह उपाधि प्रदान की गई है.

सम्मान समारोह में उपस्थित पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने भी योगीराज को शुभकामनाएं प्रेषित की. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल हरीभाऊ बागडे ने विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियों से विद्यार्थी एवं समाज को प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कला व संस्कृति के क्षेत्र में राजस्थान व बीकानेर की परंपरओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्राचीन समय से ही हम लोग इन सब विधाओं में पारंगत रहे हैं, अब समय आ गया है कि हम लोग ऐसी विधाओं के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराए ताकि विद्यार्थी अपने जीवन में इन सब चीजों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सफल बना सके.

उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्री राम की मूर्ति बनाकर योगीराज ने अपनी पारिवारिक परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपना व अपने परिवार का नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज करवा लिया है. भगवान श्री राम की मूर्ति एवं राम मंदिर की स्थापना भारतीय आध्यात्मिक क्षेत्र में एक अभूतपूर्व कदम है. इससे पूर्व राज्यपाल महोदय ने विश्वविद्यालय के ड्राइंग एंड पेंटिंग विभाग द्वारा कुलपति सचिवालय में तैयार की गई आर्ट गैलरी का लोकार्पण किया व विद्यार्थियों से संवाद स्थापित कर उनके द्वारा किए गए शानदार कार्य के लिए उन्हें बधाई दी.

कार्यक्रम में प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने अपनी यात्रा को उल्लेखित करते हुए भगवान श्री राम की मूर्ति निर्माण के संस्मरण सुनाते हुए बताया कि यह सब उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है अपितु उनके पूर्वजों की वर्षों की तपस्या का परिणाम है. योगीराज ने विश्वविद्यालय प्रशासन व कुलाधिपति महोदय को सम्मान देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया. विश्वविद्यालय द्वारा योगीराज को मानद उपाधि व सम्मान पत्र से पुरस्कृत किया गया. सम्मान पत्र का वाचन विश्वविद्यालय की सहायक आचार्य डॉ. मेघना शर्मा ने किया. कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर प्रगति सोबती ने किया. कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय कुलसचिव अरविंद बिश्नोई ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम में बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अरुण कुमार सहित विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, प्रबंध बोर्ड के सदस्य, शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे.
