
राजस्थान कांग्रेस के नेता किसान केसरी रामेश्वर जूडी का शुक्रवार देर रात एक बजे निधन हो गया। वे 62 वर्ष के थे. उनका अंतिम संस्कार उदयरामसर से दो किमी दूर उनके फार्म हाउस में ससम्मान किया गया. पुत्र अजय डूडी ने उनको मुखाग्नि दी. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे डूडी लंबे समय से बीमार थे. परिवार के अनुसार वे करीब 25 महीने से कोमा में थे. जैसे ही उनके निधन की सूचना लोगों को मिली. न केवल राजनैतिक गलियारों में बल्कि जिले भर में शोक की लहर छा गई. उनके निधन पर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मासहित प्रदेश के अनेक नेताओ ने शोक जताया. इससे पहले जूठी के निवास पर उनका शव अंतिम दर्शनार्थ रखा गया. जहां उनके चाहने वालो ने पुष्प अर्पित कर अपने नेता को श्रद्धाजंलि अर्पित की. जूडी की अंतिम यात्रा बीकानेर स्थित उनके आवास वैद्य मघाराम कॉलोनी से रवाना हुई. इस दौरान पूर्व सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कंधा दिया.

डूडी की अंतिम यात्रा में पूरे रास्ते समर्थको व चाहने वालो ने पुष्प चक्र व पुष्प माला उनके पार्थिव शरीर पर चढ़ाकर अपनी श्रद्धाजंलि दी. एक स्थान पर जेसीबी से पुष्प वर्षा की गई. वहीं देहात कांग्रेस कार्यालय में सम्मान दिया गया. वहीं सेवादल की ओर से गार्ड ऑफ ऑर्नर देकर अपने नेता को अंतिम विदाई दी. इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष कमल कल्ला, शहर अध्यक्ष अनिल व्यास, देहात अध्यक्ष व मनोज व्यास सहित सेवादल के सेवादार मौजूद रहे. बीकानेर कांग्रेस देहात अध्यक्ष बिशना राम सियाग ने बताया कि अगस्त 2023 में जूडी को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था. उन्हें तुरंत एसएमएस अस्पताल ले जाया गया था. वहां से उन्हें गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. उसके बाद वो दिल्ली में अपने घर पर ही इलाज ले रहे थे. कुछ दिन पहले उन्हें फिर से हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था, लेकिन उनकी हालत मे ज्यादा सुधार नहीं हुआ. इसके बाद डॉक्टर्स ने उन्हें घर भेज दिया था.

रामेश्वर डूडी को श्रद्धाजंलि देने पहुंचे प्रदेशभर से कई नेता
इससे पहले दोपहर में पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री सुमित गोदारा, किसान आयोग के अध्यक्ष सी आर चौधरी, प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली, केन्द्रीय मंत्री के पुत्र रविशेखर मेघवाल, जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल, सूरतगढ़ विधायक डूंगरराम गेदर, कांग्रेसी नेता हेमाराम चौधरी, हरीश चौधरी, पूर्व सांसद बद्री जाखड़, पूर्व मंत्री डॉ बी डी कल्ला, गोविन्दराम मेघवाल, भंवर सिंह भाटी, लक्ष्मण कड़वासरा, महेन्द्र गहलोत, पूर्व विधायक बिहारी लाल विश्नोई, विधायक विकास चौधरी, सांसद हनुमान बेनीवाल, पूर्व संसदीय सचिव कन्हैयालाल झंवर, हुकमाराम विश्नोई, नोखा पालिकाध्यक्ष नारायण झंवर, देशनोक पालिकाध्यक्ष ओमप्रकाश मून्दडा, पूर्व विधायक गिरधारी महिया, शिमला नायक, धर्मेन्द्र राठौड, पूर्व मंत्री पवन गोदारा, संगठन सूजन प्रभारी राजेश लिलोठिया, डॉक्टर राजेंद्र मुंडसुरेन्द्र सिंह शेखावत, भाजपा उपाध्यक्ष दीपक पारीक, मदन गोपाल मेघवाल, चेतन जूडी, फूसाराम गोदारा, पूर्व न्यास अध्यक्ष मकसूद अहमद, पूर्व उपमहापौर हारून राठौड, शशि शर्मा, अशोक भाटी, आनंद जोशी, हजारी देवड़ा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत, रामनिवास कूकणा, शिवलाल गोदारा, देवेन्द्र बुठिया, जियाउर रहमान भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे.

छात्र नेता से हुई उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत
किसानों के बीच बेहद लोकप्रिय रामेश्वर डूडी बीकानेर जिले के नोखा तहसील के रायसर गांव के रहने वाले थे. वर्तमान में उनकी पत्नी सुशीला जूडी नोखा से विधायक है. रामेश्वर डूडी ने पश्चिमी राजस्थान के किसानों की आवाज पुरजोर तरीके से बुलंद की. रामेश्वर लाल डूडी का जन्म 1 जुलाई 1963 में हुआ था. रामेश्वर डूडी ने बीकॉम की डिग्री के बाद राजनीति में प्रवेश किया था. राजनीति में उनका प्रवेश एनएसयूआई से हुआ, जहां उन्होंने छात्र आंदोलनों के जरिए अपनी पहचान बनाई. उसके बाद जूडी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत पंचायत समिति प्रधान से की थी. वर्ष 1995 में वे पहली बार पंचायत समिति सदस्य बनकर प्रधान बने. उसके बाद यह सफर रुका नहीं। उसके बाद जिला प्रमुख, विधायक और सांसद के साथ विधान सभा मे नेता प्रतिपक्ष भी रहे. वे किसान नेता के साथ बिजनेसमैन भी थे. वर्ष 1999 में रामेश्वर डूडी ने बीकानेर से लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की और सांसद बने. वर्ष 2004 तक वे बीकानेर लोकसभा सीट से सांसद रहे. उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे. फिर वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव में बीकानेर जिले की नोखा सीट से रामेश्वर डूडी विधायक चुने गए. वसुंधरा राजे के कार्यकाल में रामेश्वर डूडी ने नेता प्रतिपक्ष की भूमिका भी निभाई. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावो में भी वे नोखा से कांग्रेस प्रत्याशी थे पर भाजपा के बिहारीलाल बिश्नोई से पराजित हो गए.
