
Medical services remained closed in Bikaner in protest against the rape and murder of a female trainee doctor.
चार लाइन न्यूज़ डेस्क – कोलकाता में महिला ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के मामले के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल है. शनिवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) राजस्थान की घोषणा के बाद मेडिकल स्टाफ हड़ताल पर है. बीकानेर में भी महिला डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के विरोध में शनिवार को सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए गैर-आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को बंद रखने की घोषणा की गई. इस दौरान बीकानेर संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल सहित अस्पतालों में सीनियर डॉक्टर्स भी रेजिडेंट डॉक्टर्स के समर्थन में हड़ताल पर उतर गए जिससे चिकित्सा व्यवस्था गड़बड़ा गई. वहीं इमरजेंसी सेवाएं चिकित्सा विभाग की ओर से सुचारू रखी गई.
बीकानेर के सरकार पटेल मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से हड़ताल की घोषणा के बाद सुबह 6 बजे से लेकर रविवार सुबह 6 बजे तक सेवाएं बंद रहेंगी लेकिन लगातार मॉनिटरिंग कर इमरजेंसी सेवाओं को सुचारू रखा गया है. ताकि किसी भी मरीज को कोई दिक्कत ना हो.
बतां दे कि आईएमए ने सरकार के सामने पांच मांगें रखी है जिनमें रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और रहने की स्थिति में बदलाव और कार्यस्थलों पर डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की जांच के लिए एक केंद्रीय कानून बनाना शामिल है. इसके अलावा आईएमए ने रेजिडेंट डॉक्टरों के कामकाज और रहने की स्थिति में बड़े पैमाने पर बदलाव की मांग की है. इसमें 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट और आराम करने के लिए सुरक्षित स्थानों की कमी शामिल है.
साथ ही आईएमए ने एक केंद्रीय अधिनियम के लिए जोर दिया है जो 2023 में महामारी रोग अधिनियम 1897 में किए गए संशोधनों को 2019 के प्रस्तावित अस्पताल संरक्षण विधेयक में शामिल करना भी मांग में शामिल है. एसोसिएशन का कहना है कि इस कदम से 25 राज्यों में मौजूदा कानून मजबूत होंगे. आईएमए ने यह भी सुझाव दिया है कि कोरोना के दौरान लागू किए गए अध्यादेश जैसा ही अध्यादेश इस स्थिति में उपयुक्त होगा. साथ ही मांग की गई है कि डॉक्टरों के संगठन ने एक निश्चित समय-सीमा में अपराध की सावधानीपूर्वक और पेशेवर जांच करने के साथ ही न्याय दिया जाए.
इसके अलावा आईएमए की मांग है कि सभी अस्पतालों के सुरक्षा प्रोटोकॉल किसी एयरपोर्ट से कम नहीं होने चाहिए। अस्पतालों को अनिवार्य सुरक्षा अधिकार के साथ सुरक्षित क्षेत्र घोषित करना पहला कदम है। सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन किया जाए. आईएमए ने पीड़ित परिवार को उचित और सम्मानजनक मुआवजा देने की मांग की है. साथ ही आईएमए ने 14 अगस्त की रात को आरजी कर अस्पताल कैंपस में तोड़फोड़ करने वालों की पहचान करने और उन्हें कठोर सजा देने की भी मांग की है.