
Electricity will become cheaper in the state
चार लाइन न्यूज़ डेस्क (तीर्थराज बरसलपुर) – बीकानेर अब प्रदेश की तरक्की में चार चांद लगाने जा रहा है. यहां गुढ़ा पावर प्लांट में अब अब कोयले से नहीं बल्कि लिग्नाइट से हर दिन 90 लाख यूनिट बनेगी. बीकानेर के गुढ़ा में एक साथ तीन बिजली उत्पादन इकाईयां लगाई जा रही है जो कम लागत में कोयले की बजाय लिग्नाइट से बिजली उत्पादन करेगी. जिसके बाद प्रदेश में बिजली सस्ती हो जाएगी. क्योंकि लिग्नाइट की खदान प्रदेश में ही है, जिसके चलते करीब 2 हजार रुपए प्रति टन परिवहन की लागत बचाई जा सकेगी. बता दें कि फिलहाल इन पावर प्लांट के लिए छत्तीसगढ़, ओडिशा से कोयला मंगवाया जाता है जिससे बिजली उत्पादन मंहगा पड़ता है.
राजस्थान को बिजली उत्पादन में सिरमौर बनाने के लिए भारत सरकार की ओर से बीकानेर के गुढ़ा में लिग्नाइट से बिजली उत्पादन की एक नहीं अब तीन यूनिट लगाई जा रही है. भारत सरकार बिजली उत्पादन यूनिट नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन की ओर से बीकानेर के गुढ़ा वेस्ट में 125125 मेगावाट की तीन यूनिट लगाने का कार्य शुरू किया जा चुका है. जबकि पहले राज्य विद्युत उत्पादन निगम और कॉर्पोरेशन के बीच हुए ज्वाइंट वेंचर में एक ही यूनिट लगाने पर ही बात बनी थी लेकिन गुढ़ा पावर प्लांट की निर्माण लागत करीब 3 हजार करोड़ रुपए आंकी गई. इस ज्वाइंट वेंचर के अनुसार नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन की 74 प्रतिशत और राज्य विद्युत उत्पादन निगम की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इस प्लांट के लिए करीब 119 हेटेक्यर जमीन की अवाप्ति की जानी है. प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह प्रक्रिया काफी समय से लटकी हुई थी लेकिन अब इस कार्य को गति मिली है.
ये बिजली उत्पादन यूनिट स्थापित होने के बाद प्रतिदिन करीब 90 लाख यूनिट बिजली पैदा की जा सकेगी. आंकड़ों के अनुमान के अनुसार इस बिजली की उत्पादन लागत 5 रुपए प्रति यूनिट तक आएगी. इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि प्रदेश को में प्रचुर मात्रा में लिग्नाइट मौजूद है जिससे दूसरे प्रदेशों से कोयला आयात नहीं करना पड़ेगा. बता दें कि एक यूनिट बिजली उत्पादन में 900 ग्राम लिग्नाइट लगेगा. इस प्लांट से 25 साल उत्पादन के लिए 25 मिलियन टन लिग्नाइट की जरूरत होगी. एनएलसी के साथ 5 हजार 50 करोड़ रुपए का एमओयू हो चुका है.
कैसे सस्ता पड़ेगा लिग्नाइट से बिजली उत्पादन