
Land sold under fake lease
- बीकानेर जिला अभिलेखागार कर्मचारियों व अन्य के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज
- कर्मचारियों ने कूटरचित दस्तावेजात बनाकर मूल पट्टे के रिकार्ड में कर डाली गड़बड़
- मूल पट्टे में ट्रस्ट को छिपाकर अन्य वारिसान की शेष भूमि का ही कर डाला फर्जी बेचान
- फर्जी पट्टे के जरिए बैंक द्वारा करोड़ों रूपये का लोन लेकर गबन करने का भी है आरोप
- न्यायालय के आदेश के बाद सदर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू
- अधिवक्ता नरेंद्र स्वामी व राजेश फल्डोलिया ने पारख ट्रस्ट की ओर से की न्यायालय में पैरवी
- परिवादीया भूमिका सेठिया ने गत वर्ष अप्रैल माह में लगाई थी जिला कलेक्टर से गुहार
- कलेक्टर ने एडीएम प्रशासन को किया था जांच अधिकारी नियुक्त, फिर एसडीओ के पास थी जांच
चार लाइन न्यूज़ डेस्क – बीकानेर जिला अभिलेखागार के कर्मचारियों व अन्य लोगों के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार कर करोड़ों रूपये के गड़बड़झाले का मामला दर्ज किया गया है. न्यायालय के आदेश के बाद रिपोर्ट दर्ज कर कर्मचारियों द्वारा षड्यंत्रपूर्वक तरीके से मुल पट्टे में पारख ट्रस्ट को छिपाकर अन्य वारिसान की शेष भूमि का बेचान किया गया. पारख ट्रस्ट की वारिसान व परिवादिया भूमिका सेठिया की ओर से अधिवक्ता नरेंद्र स्वामी व राजेश फल्डोलिया ने न्यायालय मे की. जिसमें कोर्ट को बताया कि पारख ट्रस्ट बीकानेर एक फेमिली ट्रस्ट है, जिसकी भूमिका सेठिया वारिस हैं. ट्रस्ट को बिना किसी विधिक प्रकिया अपनाए भंग की कार्यवाही किये बिना व कोर्ट की इजाजत के बगैर ही एक पुश्तैनी जायदाद को फर्जी तरीके से बेचान किया गया है.
अधिवक्ता नरेंद्र स्वामी व राजेश फल्डोलिया ने जानकारी दी कि परिवादीया भूमिका सेठिया ने पिछले साल 20 अप्रैल को इस संबध में बीकानेर जिला कलेक्टर को शिकायत पत्र दिया था जिस जिला कलेक्टर ने एडीएम प्रशासन को जांच अधिकारी नियुक्त किया. उसके बाद एडीएम प्रशासन का तबादला हो गया. हाल में जांच अधिकारी एसडीओ बीकानेर के पास जांच चल रही थी जिसमें किसी प्रकार की निष्पक्ष जांच नहीं हो पाई. इस पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम संख्या 2 ने सदर पुलिस थाना बीकानेर को रिपोर्ट दर्ज कर त्वरित कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.
अधिवक्ता नरेंद्र स्वामी व राजेश फल्डोलिया ने न्यायालय ने बताया कि बीकानेर में आनंद कवंर व गुलाब कवंर पारख ट्रस्ट एक फेमिली ट्रस्ट है जिसकी परिवादिया भूमिका सेठिया वारिस हैं. ट्रस्ट की एक 18593 वर्ग गज की पुश्तैनी जायदाद पुगल रोड पर है. आनंद कवंर व गुलाब कवंर पारख ट्रस्ट के पट्टा नम्बर 161 के नाम किये बिना बंटवारा के करोड़ों रुपये की भूमि षड्यंत्रपूर्वक तरीके से गुलाब कवंर, राजेश पारख, संजय पारख, आरती पारख, संगीता पारख, अजय पारख, व निवर्तमान जिला अभिलेखागार कर्मचारी ने वर्तमान पदस्थापित कर्मचारियों की मदद से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी बेचान कर दी गई.
जिसमें पट्टा संख्या 161 के स्थान पर 165 करके जमीन को कविता अग्रवाल, शांति देवी आचार्य, रेणु अग्रवाल, नरेंद्र अग्रवाल, उत्तम अग्रवाल, अरूणा अग्रवाल, राजेंद्र अग्रवाल, व हाल ही में ललित सोनी, विकास सोनी, सीमा सोनी, व पुजा देवी सोनी, को फर्जी बेचान कर दिया. उक्त भूमि खाली होने के कारण परिवादीया भूमिका सेठिया को जानकारी मिल पाई. काफी समय पश्चात परिवादीया की परिवारजनों ने इसकी जानकारी दी. जिसमें परिवादीया की मौसी मैना देवी के द्वारा पुश्तैनी जमीन पारख ट्रस्ट, पूगल रोड के 50,00,000/- रूपये डिमाण्ड करने की बात सामने आई. जबकि जमीन पहले ही पट्टा संख्या 161 के स्थान पर 165 करके एक बार बेची जा चुकी थी.
इसके बाद परिवादीया व अन्य से जमीन बेचान के लिए दस्तावेज लिए गए. इसके बाद संसोधन पत्र भी परिवादिया भूमिका को भेजा गया. इसके बाद परिवादीया की मौसी मैना का फिर से फोन आया जिसमें 165 नं. पट्टे के संशोधन पर हस्ताक्षर करने की बात कही गई. तब परिवादिया ने रिकार्ड देख कर हस्ताक्षर करने का कहा गया तो एक दलाल व अन्य से मामले का खुलासा हुआ तो सौदा खारिज कर दिया गया. इसके बाद 22 सितंबर 2022 को अखबार में तुलसी सर्किल एचडीएफसी बैंक ब्रान्च के अधिवक्ता द्वारा आम सूचना प्रकाशित की गई थी, जिसमें यह लिखाया कि मूल पट्टा 161 है.
अब मामला पूरी तरह से खुल गया और परिवादीया को ट्रस्ट की जमीन को फर्जी तरीके से बेचने और बैंक से लोन लेकर फर्जीवाड़ा करने की कहानी समझ आ गई. परिवादीया भूमिका सेठिया व उसकी बहन ने रिकार्ड के मूल पट्टा में 165 के संशोधन के लिए हस्ताक्षर करने से साफ मना कर दिया तो राजेश पारख, गुलाब कंवर, संजय पारख, आरती पारख, अजय पारख, संगीता डागा व खरीददार ललित सोनी, सीमा सोनी, विकास सोनी, पूजा देवी सोनी ने परिवादीया व परिवादीया की बहन को धमकाते हुए हस्ताक्षर करने को कहा और कहा कि नहीं किये तो परिणाम बुरा होने की धमकी दी.
अधिवक्ता नरेंद्र स्वामी व राजेश फल्डोलिया ने बताया कि इसके बाद किसी नरेन्द्र अग्रवाल ने कोटगेट थाने से बोल रहा हूं..कहकर परिवादीया के पति को धमकाया. इसके बाद इसकी शिकायत परिवादीया ने जिला पुलिस अधीक्षक को दी. जिसे कोटगेट थाने भेजा गया. आरोपी बार-बार थाने बुलाने पर भी नहीं आए. लेकिन अपनी गलती स्वीकार कर ली. मामले में राजेश पारख, गुलाब पारख, संजय पारख, आरती पारख, अजय पारख व जिला अभिलेखागार फॅर्मचारी प्रेम कुमार व अन्य कर्मचारियों ने मिलीभगत कर षडयंत्रपूर्वक तरीके से रिकोर्ड के मूल पट्टे में छेडछाड कर ट्रस्ट को छिपाकर शेष अन्य वारिसान की शेष भूमि की फर्जी बेचान कर दी. साथ ही कूटरचित दस्तावेजात बनाकर मूल पट्टे के रिकार्ड में फर्जी तरीके से गडबड़ कर बैंक से करोड़ों रूपये का लोन लेकर गबन किया गया है. फिलहाल सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है.