चार लाइन न्यूज़ डेस्क (तीर्थराज बरसलपुर) – जयपुर के सेंट्रल पार्क का नामकरण पूर्व मुख्यमंत्री स्व. श्री भैरोंसिंह शेखावत एवं भारत जोड़ो सेतु का नाम सरदार पटेल के नाम पर रखने को लेकर सियासत तेज हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह भाजपा के अपराधबोध को दिखाता है. गहलोत ने सेंट्रल पार्क की स्थापना को याद करते हुए कहा कि स्व. श्री भैरोंसिंह शेखावत के मुख्यमंत्रीकाल में सेंट्रल पार्क की भूमि को ज्वैलर्स के लिए आवंटित किया जा रहा था. बाद में इसे गोल्फ क्लब और पोलो क्लब के लिए आवंटित करने का प्रयास किया गया जिसका हम लोगों ने विरोध किया.

उन्होंने कहा कि हमारी कांग्रेस सरकार बनने पर न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क की तर्ज पर जयपुर के लोगों के लिए यहां सेंट्रल पार्क बनाया गया जिसमें गोल्फ व पोलो क्लब भी मौजूद हैं. इसे सेंट्रल पार्क के रूप में ही जयपुर के लोगों ने स्वीकार किया। यह अब राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय है. गहलोत ने कहा हमारी कांग्रेस सरकार ने शेखावत के निधन के दिन ही विद्याधर नगर स्टेडियम में अविलंब उनके दाह संस्कार हेतु जमीन आवंटित की और वहीं उनका स्मारक बनाया. पूरे प्रदेशवासियों में तब भी चर्चा थी और आज भी बनी हुई है कि यदि भाजपा सरकार होती तो भी उनके अंतिम संस्कार की अनुमति विद्याधर नगर में नहीं देती और न ही उनका स्मारक बनने देती. गहलोत ने चिंता जताते हुए कहा कि इसी अपराधबोध में अब भाजपा का सेंट्रल पार्क का नाम बदलने का प्रयास है जिससे अनावश्यक रूप से स्व. शेखावत का नाम विवादास्पद बनेगा.

वहीं गहलोत ने भारत जोड़ो सेतु का नाम सरदार पटेल के नाम पर रखने को लेकर कहा कि सबको ध्यान है कि भाजपा सरकार ने गुजरात के सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर नरेन्द्र मोदी स्टेडियम किया था. यहां राजस्थान में कांग्रेस सरकार के दौरान बने हुए सेतु का नामकरण देश में प्यार, मोहब्बत, भाईचारा बढ़ाने की भावना के अनुरूप भारत जोड़ो सेतु किया गया था. उसे भी इसलिए सरदार पटेल का नाम दिया जा रहा है क्योंकि गुजरात में स्टेडियम का नाम बदलने पर इनकी आलोचना हो रही है. हमारी कांग्रेस सरकार ने सरदार पटेल के नाम पर जोधपुर में पुलिस यूनिवर्सिटी बनाई थी.

उन्होंने कहा कि भाजपा की नीयत यदि सच में सरदार पटेल एवं स्व. शेखावत के नामकरण करने की थी तो उन्हें सम्मान देने के लिए कोई नया बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट या पार्क बनाकर उसका नामकरण इनके नाम करना चाहिए. भाजपा सरकार स्वयं कोई नया निर्माण नहीं कर सकती है इसलिए कांग्रेस के प्रोजेक्ट्स के नाम बदल रही है. हेडगेवार और गोलवलकर के नाम पर जयपुर के स्थानों का नाम रखना तो समझ के परे है. पूरा जयपुर जानना चाहता है कि इन लोगों का देश के लिए क्या ऐसा योगदान रहा ? RSS संगठन में उनकी भूमिका हो सकती है परन्तु देशनिर्माण में इन लोगों की कोई भूमिका नहीं है.
