
बीकानेर जिले के देशनोक में बीते दिनों ओवरब्रिज हादसे के पीड़ितों को आर्थिक सहायता व न्याय दिलाने के लिए पूर्व राज्य मंत्री महेन्द्र गहलोत के आह्वान पर अनिश्चितकालीन धरना व महापड़ाव शुरू किया गया है. जिला कलेक्ट्रेट के सामने कर्मचारी मैदान में शुरू हुए धरने में पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं लोकसभा प्रत्याशी गोविन्द राम मेघवाल, पूर्व केशकला बोर्ड अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत व प्रदेश कांग्रेस सचिव रामनिवास कूकणा सहित सैन समाज के संगठनों के पदाधिकारियों के अलावा हादसे के शिकार हुए मृतकों के परिवारजन व 36 कौम के लोग पहुंचे हैं.


पूर्व केशकला बोर्ड अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत ने बताया कि बीते 19 मार्च को देशनोक ओवरब्रिज पर हुए भीषण सड़क हादसे में सैन समाज के एक ही परिवार को 6 लोगों की जान चली गई. जिसमें जांच के लिए गठित कमेटी ने ओवरब्रिज के डिजाइन को हादसे का कारण माना है. हादसे के बाद स्थानीय लोगों की ओर से मृतकों को न्याय व आश्रितों को आर्थिक सहायता की मांग की गई लेकिन एक महीना बीतने को है लेकिन प्रशासन व सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है. पूर्व में कई बार बीकानेर जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता, न्याय प्रदान करने हेतु निवेदन किया जा चुका है परन्तु आज दिनांक तक राज्य सरकार स्तर से पीड़ितो को सहायता प्रदान करने व न्याय दिलाने के संबंध में कोई कार्यवाही नही की गई है. जिससे सैन समाज के साथ-साथ बीकानेर की जनता में भंयकर आक्रोश है. अब मजबूरन अनिश्चितकालीन धरना व महापड़ाव का निर्णय लेना पड़ा है. धरने में पीड़ित परिवारों व जनमानस के साथ मिलकर दुर्घटना में प्रत्येक मृतक परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता देने व दुर्घटना में प्रत्येक मृतक परिवार के एक सदस्य को संविदा नौकरी प्रदान कर परिवार के भरण पोषण की व्यवस्था करने की मांग रखी गई है.
