
दिल्ली का तालकटोरा इंडोर स्टेडियम (एनडीएमसी) आध्यात्मिक ऊर्जा और श्रद्धा से ओतप्रोत एक अद्भुत दृश्य का साक्षी बना, जहाँ पूज्यश्री सिद्धगुरुवर की निश्रा में ‘श्री गुरु पूर्णिमा महामहोत्सव 2025’ का भव्य एवं दिव्य आयोजन अत्यंत उल्लासपूर्वक सम्पन्न हुआ। इस ऐतिहासिक समारोह का आयोजन विश्व धर्म चेतना मंच–दिल्ली एवं एनसीआर के तत्वावधान में तथा श्री सिद्धेश्वर तीर्थ ब्रह्मर्षि आश्रम, तिरुपति के सौजन्य से किया गया था। इस महासमागम में देश और दुनियाभर हजारों श्रद्धालु, साधक, शिक्षाविद, राजनेता एवं समाजसेवी शामिल हुए। पूरा वातावरण गुरु महिमा के जयकारों, मंत्रोच्चारण और भक्ति के भाव से गूंज उठा। श्रद्धालुओं में अपने सद्गुरु के साक्षात दर्शन और दिव्य उपदेशों को सुनने की अदम्य उत्सुकता देखने को मिली।
कार्यक्रम के आयोजन से लेकर उसे सफल बनाने में श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि आश्रम तिरुपति की ग्लोबल महिला चेयरपर्सन मुख्यत: सरला बोथरा, विश्व धर्म चेतना शाखा दिल्ली अध्यक्ष एसएन चांडक, शाखा नोएडा अध्यक्ष जेठमल मेहता, हरियाणा अध्यक्ष संजय शर्मा व अन्य गुरुभक्तों की अहम भूमिका रही। सिद्धगुरुवर श्री सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव ने अपने दिव्य प्रवचन से उपस्थित भक्त जनसमूह को जीवन के परम सत्य से परिचित कराया। पूज्य गुरुदेव ने कहा कि गुरु पूर्णिमा केवल पर्व नहीं, वह आत्मजागरण की प्रक्रिया है। गुरु वह दीप है, जो अंधकार को दूर कर चेतना को प्रकाशित करता है। जिस क्षण शिष्य नतमस्तक होता है, उसी क्षण उसमें परमात्मा का बीज रोपित होता है। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव केवल पूजा का नहीं, आत्मदर्शन का पर्व है।
उन्होंने आगे कहा कि आज संसार को धर्म से नहीं, धर्म की चेतना से जोड़ने की आवश्यकता है। गुरु का कार्य केवल ज्ञान देना नहीं, अपितु शिष्य के भीतर छिपे ईश्वरत्व को जागृत करना है। सिद्धगुरुवर बोले, मेरा प्रत्येक शिष्य आत्मनिर्भर, आत्मजाग्रत और समाज के लिए उपयोगी बने, यही मेरा संकल्प है। सिद्धगुरुवर ने विश्व मानवता को भी संदेश देते हुए कहा कि आज जब मानवता भौतिकता की दौड़ में थक चुकी है, तब गुरु का कार्य है उसे आत्मिक विश्रांति देना। यह युग केवल विज्ञान का नहीं, विवेक का युग होना चाहिए। भारत अध्यात्म की भूमि है, और गुरु परंपरा इसकी सबसे महान धरोहर है।
कार्यक्रम का हिस्सा बने लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कहा कि गुरुदेव ने अपनी साधना, तपस्या और वैदिक ज्ञान से न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में शांति और मानव कल्याण का संदेश दिया है। गुरुदेव का प्रकाश, उनका आशीर्वाद, हम सभी को जीवनभर दिशा देता रहेगा। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि गुरुदेव सनातन धर्म की चेतना के प्रणेता हैं। उन्होंने हमें न केवल धर्म की रक्षा करना सिखाया, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाई है। उनके विचार आज के समय की सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुदेव की असीम शक्तियों और दिव्य अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि गुरुदेव के सानिध्य में आकर मन को जो शांति और ऊर्जा मिलती है, वह अवर्णनीय है। यह कोई साधारण अनुभव नहीं, यह ईश्वरीय अनुभूति है।
कार्यक्रम के अंत में आश्रम आचार्य पं. श्रीनिवास श्रीमाली के मंत्रोच्चारण के साथ गुरुपाद पूजन सम्पन्न हुआ। आयोजन में सूरत के सांसद मुकेश दलाल, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल बुरहानपुर, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के अलावा, हेमंत परावरी, अजय गुप्ता उद्योगपति, खेल जगत से पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, भारतीय पेशेवर मुक्केबाज, ओलंपियन विजेंदर सिंह, सहित अनेक राज्य सरकार से जुड़े पदाधिकारी, न्यायपालिका से जुड़ी हस्तियां तथा भारत के कई प्रमुख राजनेताओं, समाजसेवियों व प्रशासकों ने भी भाग लिया.
