
Now going to schools for these things will be prohibited
चार लाइन न्यूज़ डेस्क – उदयपुर के एक स्कूल में विद्यार्थियों के बीच कहासुनी के बाद हुई चाकूबाजी की घटना के बाद से शहर में हालात विकट बने हुए हैं. घायल छात्र अब खतरे से बाहर बताया जा रहा है और कानून व्यवस्था के लिहाज से भी अब शहर में शांति है. इसी बीच शिक्षा विभाग की ओर से आदेश जारी कर प्रदेश के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में धारदार नुकीला हथियार या ऐसी वस्तु जो भय एवं हिंसा का कारक बन सकती है, को विद्यालयों में लाने पर मनाही के आदेश जारी किये गए हैं.
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा के निदेशक कार्यालय बीकानेर की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रदेश के सभी राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों में धारदार नुकीला हथियार या ऐसी वस्तु जो भय एवं हिंसा का कारक बन सकती है, को विद्यालयों में लाने पर मनाही रहेगी. आदेश के अनुसार भारत की संस्कृति “अहिंसा परमो धर्म के मूल्य का महत्व समझाकर अहिंसा को व्यक्तित्व का अभिन्न अंग बनाने पर बल देती है. राज्य सरकार इन्हीं मूल्यों के अनुरूप, विद्य लय को सुरक्षित एवं स्वस्थ वातावरण के साथ-साथ विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाने के लिए भयमुक्त परिवेश प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके.
इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु विद्यालय में विद्यालय प्रशासन एवं शिक्षकों को विद्यार्थियों को निरन्तर प्रेरित करने के साथ, उनके आचरण पर सुक्ष्म ध्यान भी रखना चाहिए, जिससे विद्यार्थी अपने लक्ष्य के अनुरूप प्रगति पथ पर अग्रसर हो सके . इसमें बरती गई शिथिलता विद्यार्थी के प्रगति को अनुचित दिशा तो देती ही है, वरन साथ ही विद्यार्थी स्वयं, उसके सहपाठी आदि को अनावश्यक हानि पहुँचा सकती है. ऐसी घटना से न केवल विद्यालय की प्रतिष्ठा प्रभावित होती है बल्कि अन्य विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का विश्वास भी प्रभावित होता है.
शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर कहा है कि किसी अनावश्यक दुर्घटना के घटित ना होने की जागरूकता हेतु विद्यालय में किसी भी प्रकार का धारदार हथियार, नुकीली वस्तुएं आदि लानी निषिद्ध रहेगी. इसके तहत किसी भी प्रकार के धारदार हथियार जैसे चाकू छूरी, धारदार कँची, या किसी भी नुकीली वस्तु को विद्यालय में लाना सख्त मना है. ऐसे किसी भी वस्तु का लाना एवं प्रयोग, सुरक्षा और अनुशासन के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा.
शिक्षा विभाग ने इस संबंध में विद्यार्थियों के अतिरिक्त संस्थाप्रधान शिक्षक एवं अभिभावकों की सजगता आवश्यक बताई है. साथ ही सभी संस्था प्रधान को इसका दायित्व देते हुए कहा गया है कि संस्था प्रधान न केवल इसकी उद्घोषणा आदेश के रूप में सूचना पट्ट पर चस्पा करेंगे साथ ही प्रार्थना सभा में उक्त के संबंध में जानकारी देगें. ऐसे विषय पर अध्यापक अभिभावक परिषद की बैठक में भी विमर्श करेंगे. वहीं आदेश में शिक्षक का दायित्व है कि उक्त व्यवस्था की निगरानी के लिए रैण्डम रूप से विद्य र्थियों के बैग, डेस्क, और व्यक्तिगत वस्तुओं की नियमित जांच validity unknown grature valid किया जा सके कि कोई भी निषिद्ध वस्तु विद्यालय परिसर में नहीं लाई गई.