
बीकानेर जिले की नोखा नगर पालिका में मंगलवार को उस वक्त हंगामा हो गया जब पालिका अध्यक्ष नारायण झंवर अपने समर्थक पार्षदों के साथ कार्यालय पहुंचे और EO का घेराव किया. इसके बाद अधिशाषी अधिकारी (EO) जगमोहन हर्ष ने स्वायत्त शासन विभाग को पत्र लिखकर नोखा पालिका में कार्य करने में असमर्थता जताई है. इसके बाद हंगामे के बीच ईओ को पुलिस सुरक्षा के साथ कार्यालय से बाहर निकाला गया. जगमोहन हर्ष को 9 मई को स्वायत्त शासन विभाग (DLB) द्वारा नोखा नगर पालिका का अधिशाषी अधिकारी नियुक्त किया गया था. लेकिन कुछ ही दिनों में हालात इस कदर बिगड़ गए कि EO को कार्य में असमर्थता जताते हुए मुख्यालय पत्र लिखना पड़ा है.

जानकारी में सामने आया है कि नोखा नगर पालिका EO जगमोहन हर्ष ने स्वायत्त शासन विभाग को भेजे पत्र में आरोप लगाया है कि पालिका अध्यक्ष नारायण झंवर द्वारा 1999 से पूर्व और बाद में कृषि भूमि पर बनी कॉलोनियों से जुड़ी पत्रावलियों के तत्काल निस्तारण का दवाब बनाया जा रहा है. EO ने मार्गदर्शन के लिए विभाग को पत्र भेजा था, जिस पर टकराव की स्थिति बन गई. सुबह से ही पालिका कार्यालय में तनावपूर्ण माहौल रहा. चार घंटे तक EO और पार्षदों के बीच तीखी बहस होती रही.
पार्षद मनोज डूडी, सद्दाम हुसैन, देवकिशन चांडक, हनी गर्ग, बाबूलाल, अंकित तोषनीवाल, सुखराम भादू, देवकिशन जोशी सहित पार्षदों व समर्थकों के साथ पहुंचे पालिका अध्यक्ष नारायण झंवर ने लंच के समय EO कार्यालय से बाहर निकलने लगे विरोध शुरू कर दिया. नारायण झंवर समेत कई पार्षदों ने EO के खिलाफ नाराजगी जताई और दबाव का आरोप लगाया. हालात बिगड़ने पर EO ने पुलिस जाब्ता बुलवाया. सीओ हिमांशु शर्मा मौके पर पहुंचे और एक घंटे तक दोनों पक्षों से बात करने की कोशिश की, लेकिन समाधान नहीं निकला. अंततः EO जगमोहन हर्ष को पुलिस सुरक्षा में कार्यालय से बाहर निकाला गया.
