
Situation worsens after rain in Bikaner
चार लाइन न्यूज़ डेस्क – बीकानेर शहर में गुरूवार रात हुई बारिश ने बरसाती पानी निकासी की के बंदोबस्त की फिर पोल खोल दी. पिछले माह हुई बारिश के बाद भी हालात बदत्तर हो गए थे फिर भी ना तो प्रशासन चेता और ना ही व्यवस्थाओं में सुधार किया गया. गुरुवार की बारिश से जिला कलेक्ट्रेट मुख्यालय भी जल भराव से नहीं बच पाया. वहीं निचले इलाकों में गली मोहल्ले और नई कॉलोनियां तालाब से दिखने लगे. लोगों की परेशानियां तो अपनी जगह प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से बचता दिखा.
बात करें शहर के निचले इलाकों की तो जिला कलक्टर कार्यालय, पीबीएम के हार्ट हॉस्पीटल, पुरानी गिन्नाणी सहित कई इलाकों में जलभराव से हालात बिगड़ गए. कलेक्ट्रेट में तो वकीलों के चैंबर के पास कीचड़ ही कीचड़ फैल गया. जहां काम करना तो दूर टेबल कुर्सी तक पहुंचना भी दूभर हो गया. पूरे शहर की सफाई व्यवस्था और जल निकासी की जिम्मेदारी वाला नगर निगम कार्यालय खुद ही जलभराव की चपेट में आ गया. वहीं हाल ही में शहर में चल रहे सीवर लाइन के कार्य के तहत खोदे गए गड्डे भी अव्यवस्था में लोगों की जुबान पर चढ़ गए. गड्डे ना तो पूरी तरह से भरे हुए हैं बल्कि हादसों को निमंत्रण सा देते दिख रहे हैं.
जूनागढ़ के पास स्थित सूरसागर तालाब भी भारी बारिश के कहर की चपेट में आ गया. धोबी धोरा और सूरसागर क्षेत्र की गलियों में से नहर के जैसा पहुंचा पानी सूरसागर की रेलिंग और दिवार तोड़ते हुए तालाब में जा घुसा. हालात ये हो गए कि सड़क के नीचे से मिट्टी निकल गई और सड़क धंसने को बन पड़ी. लोगों में अपने अपने मकान गिरने का डर बन गया. इसके अलावा शहर की नई विकसित कॉलोनियों में तो जलभराव की स्थिति डूबने तक सी पहुंच गई.
यहां गंदे पानी के लिए बनाई गई पाल टूट गई जिससे बजरंग विहार, मदन विहार, खुद खुदा कॉलोनी, गंगा रेजिडेन्सी के पास, गंगाशहर स्थिति वार्ड नं 6 में करीब 3 फीट तक पानी भर गया. इसके अलावा गंगाशहर में स्थित चांदमल बाग के पास एक टैक्सी चालक का मकान गिर गया. स्थानीय लोगों ने प्रशासन की पोल खोलते हुए बताया कि यहां जल निकासी के लिए लगाए गए पंपसेट ही खराब मिले. लोगों ने तो यहां तक कह डाला कि जिम्मेदार कार्मिक डीजल तक बेच खाते हैं. अब सवाल ये उठता है कि बार-बार बारिश तो प्रशासन को चेता ही देता है लेकिन प्रशासन की नींद कब टूटे और कब वे एसी कमरों से निकलकर कभी जनता के लिए काम करे.